Baglamukhi Chalisa

Shree Maa Baglamukhi Aarti | Maa Baglamukhi Aarti in Hindi | Maa Baglamukhi Aarti in English

।। Shree Maa Baglamukhi Aarti।।​

जय जय श्री बगलामुखी माता,

आरती करहूँ तुम्हारी।

जय जय श्री बगलामुखी माता,
आरती करहूँ तुम्हारी।

पीत वसन तन पर तव सोहै,
कुण्डल की छबि न्यारी।

कर कमलों में मुद्गर धारै,
अस्तुति करहिं सकल नर नारी।

जय जय श्री बगलामुखी माता…

चम्पक माल गले लहरावे,
सुर नर मुनि जय जयति उचारी।

जय जय श्री बगलामुखी माता…

त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब,
भक्ति सदा तव है सुखकारी।

जय जय श्री बगलामुखी माता…

पालन हरत सृजत तुम जग को,
सब जीवन की हो रखवारी।।

जय जय श्री बगलामुखी माता…

मोह निशा में भ्रमत सकल जन,
करहु ह्रदय महँ, तुम उजियारी।।

जय जय श्री बगलामुखी माता…

तिमिर नशावहू ज्ञान बढ़ावहु,
अम्बे तुमही हो असुरारी।

जय जय श्री बगलामुखी माता…

सन्तन को सुख देत सदा ही,
सब जन की तुम प्राण प्यारी।।

जय जय श्री बगलामुखी माता…

तव चरणन जो ध्यान लगावै,
ताको हो सब भव – भयहारी।

जय जय श्री बगलामुखी माता…

प्रेम सहित जो करहिं आरती,
ते नर मोक्षधाम अधिकारी।।

जय जय श्री बगलामुखी माता…

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Baglamukhi Chalisa

The person who reads Maa Baglamukhi Chalisa with full devotion and faith. The Goddess fulfills all their wishes and protects them from enemies.

1- नमो महाविधा बरदा , बगलामुखी दयाल ।
स्तम्भन क्षण में करे , सुमरित अरिकुल काल ।।

2- नमो नमो पीताम्बरा भवानी , बगलामुखी नमो कल्यानी ।।
भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविधा वरदानी ।।

3- अमृत सागर बीच तुम्हारा , रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा ।
स्वर्ण सिंहासन पर आसीना , पीताम्बर अति दिव्य नवीना ।।

4- स्वर्णभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे ।
तीन नेत्र दो भुजा मृणाला, धारे मुद्गर पाश कराला ।।

5- भैरव करे सदा सेवकाई , सिद्ध काम सब विघ्न नसाई ।
तुम हताश का निपट सहारा , करे अकिंचन अरिकल धारा ।।

6- तुम काली तारा भुवनेशी ,त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी ।
छिन्नभाल धूमा मातंगी , गायत्री तुम बगला रंगी ।।

7- सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्रीं बीज के बीज बिराजे ।
दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन ।।

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